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नई दिल्ली व क्षेत्रीय कार्यालयों में बहुभाषी काव्य प्रस्तुति, भारतीय कविता की एकता को दर्शाता साहित्य अकादेमी का आयोजन

RNE, New Delhi.

साहित्य अकादेमी के प्रधान कार्यालय तथा क्षेत्रीय कार्यालयों में आज विश्व कविता दिवस के अवसर पर बहुभाषी कवि सम्मिलन का आयोजन किया गया।

साहित्य अकादेमी के प्रधान कार्यालय नई दिल्ली में आयोजित बहुभाषी कवि सम्म्लिन में ओ.पी. झा (अंग्रेज़ी), सुदीप्ति (हिंदी), देव शंकर नवीन (मैथिली), प्रभजौत कौर (पंजाबी), भागीरथि नंद (संस्कृत), काशुनाथ सोरेन (संताली) तथा इमरान अज़ीम (उर्दू) ने सहभागिता की तथा अपनी-अपनी कविताएँ हिंदी तथा अंग्रेजी अनुवाद के साथ प्रस्तुत कीं। पठित कविताओं में व्यक्ति, परिवार, समाज, संस्कृति से जुड़े हुए विभिन्न पहलुओं की सार्थक अभिव्यक्ति को उपस्थित साहित्यप्रेमियों ने हृदय से सराहा। इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में देवशंकर नवीन ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से यह बात पुनः पुष्ट हुई है कि भिन्न भाषाओं में लिखे जाने के बावजूद भारतीय कविता का स्वर भिन्न नहीं है।

कार्यक्रम का संचालन अकादेमी के उपसचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने किया। कार्यक्रम में मदन कश्यप, उपेंद्र कुमार जैसे वरिष्ठ कवियों के साथ कई पीढ़ियों के लेखक और साहित्यप्रेमी उपस्थित थे।

क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता में इस अवसर पर ऑनलाइन बहुभाषी कवि सम्मिलन का आयोजन किया गया, जिसमें वर्णाली बरगोहाईं (असमिया), अर्णव साहा (बाङ्ला), रश्मि चौधुरी (बोडो), निवेदिता झा (मैथिली), देवदास मैरेंबाम (मणिपुरी), लक्ष्मण अधिकारी (नेपाली), शशिभूषण बिस्वाल (ओडिआ) तथा भुजंग टुडु (संताली) ने अपनी-अपनी भाषाओं में हिंदी/अंग्रेज़ी अनुवाद के साथ कविताएँ सुनाईं।

क्षेत्रीय कार्यालय, बेंगळूरु में इस अवसर पर उषा रानी राव (हिंदी), वी.एम. मंजुनाथ (कन्नड), आशा आशिता (मलयाळम्), अभिलाष चंद्रन (तमिऴ) एवं मानस चामर्थी (तेलुगु) ने सहभागिता की तथा अपनी-अपनी भाषाओं में कविता-पाठ किया।